Bank Merged Update: अभी आ रही खबर के मुताबिक भारत का एक प्रतिष्ठित बैंक बंद हो गया है। और इस बंद हुए बैंक को अन्य बैंक के साथ विलय करने का फैसला हुआ है और इस मामले में ऑर्डर भी पारित हो चुके है। भारत में आज के समय में बहुत से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के बैंक है जो कि भारी दबाव में काम कर रहे है। इसके अतिरिक्त काफी बैंक तो RBI की दिशा निर्देशों को भी सही से नहीं मान रहे है। इसी बात की वजह से RBI के एक्शन दिखाते हुए पुराने बैंक को नए बैंक में विलय करने का फैसला लिया है। इसका पुराना नाम भी बंद हो जाएगा।
आप सही को पता है कि आम बैंकों को हर कोई इस्तेमाल करता है। अपनी आवश्यकता के हिसाब से लोन लेना, बचत करना, खाते में पैसे डालना और डेबिट कार्ड से पैसे निकालना आदि काम को बैंक खाते से कर सकते है। अब आपका बैंक बंद होने अथवा दूसरे में विलय होने पर पैसे की निकासी कैसे करनी होगी? आपकी इसी शंका का समाधान आज हम इस लेख में दे रहे है।
2014 में बैंक को लाइसेंस मिला
यहां आप सही यह जान लें कि भारत के नामी बैंकों में गिने जाने वाले IDFC बैंक का विलय IDFC फर्स्ट में कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि अब से IDFC नाम का कोई बैंक अस्तित्व में नहीं होगा। साल 1997 में IDFC बैंक को इंफ्रा लेंडर की तरह से शुरू किया गया था। साल 2014 में ही बैंक को आरबीआई से बैंक का लाइसेंस मिल था। IDFC बैंक को RBI से ही लाइसेंस मिला था और साल 2015 में ऑन टॉप लाइसेंस की शुरुआत होने पर यह बैंक की तरह से शुरू हुआ था।
ग्राहकों को ऐसे काम करना होगा
अब IDFC बैंक का विलय हो जाने पर कस्टमर्स को IDFC फर्स्ट बैंक की ब्रांच पर जाकर अपने काम करने होंगे। यहां ग्राहकों की चेकबुक और दूसरी वस्तुएं वैसे ही रहने वाली है। बैंक शाखा जाकर इनको अपडेट करने का भी काम कर सकते है। ग्राहकों के लेनदेन के ऊपर इस बात का असर नहीं होगा और उनके सेविंग अकाउंट पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक पूर्व समय की ही तरह से अपने लेनदेन को करते रहेंगे और सभी काम पहले ही की तरह चलेंगे। अब से नए ATM कार्ड भी आप IDFC फर्स्ट बैंक के नाम से जारी होंगे।
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एचडीएफसी फर्स्ट बैंक में वोटिंग भी हुई
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर धारकों की तरफ से IDFC बैंक के विलय को स्वीकृति मिल चुकी है। बैंक के मुताबिक नेशनल बैंक कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल की चेन्नई बेंच की ओर से हुई मीटिंग में बड़ी संख्या में शेयरधारको ने इस बात को स्वीकृति दी है। बैंक की तरफ से भी इस वोटिंग की सूचना दी गई है और विलय स्कीम की स्वीकृति में 99.95% मत डाले गए है। जानकारी की राय में अब बैंक के विलय होने पर IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर को मार्केट में बूस्ट मिलने के अनुमान है।