Indian Army Rank List: इंडियन आर्मी में जनरल नहीं ये है सबसे बड़ा पद, Indian Army में कितने प्रकार के रैंक होते हैं, देखें अभी

आज के समय में लाखों लोगों का सपना इंडियन आर्मी में जाने का होता है. यदि आप भी भारतीय सेना

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Reported by Pankaj Bhatt

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Indian Army Rank List: इंडियन आर्मी में जनरल नहीं ये है सबसे बड़ा पद, Indian Army में कितने प्रकार के रैंक होते हैं, देखें अभी
Indian Army Rank List

आज के समय में लाखों लोगों का सपना इंडियन आर्मी में जाने का होता है. यदि आप भी भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे है तो उससे पहले ये जानना जरूरी है कि Indian Army में कितने प्रकार के रैंक होते हैं? क्या आप जानते हो भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना में से है, जो अपनी अनुशासन, वीरता और बलिदान के लिए जानी जाती है। सेना में विभिन्न प्रकार के रैंक होते हैं, जो सैनिकों के पदानुक्रम और जिम्मेदारियों को दर्शाते हैं। यह सेना न केवल देश की रक्षा करती है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Indian Army दुनिया की सबसे साहसी और शक्तिशाली सैन्य ताकतों में से एक है। कई लोग मानते हैं कि जनरल का पद भारतीय सेना में सबसे ऊँचा होता है, लेकिन वास्तव में इसके ऊपर भी एक पद होता है। तो आइए जानते है इंडियन आर्मी में सबसे बड़ा पद कौन सा होता है और कितने प्रकार के रैंक होते हैं.

Indian Army Rank List

भारतीय सेना में 16 रैंक होती है, जिन्हें मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है, जो की इस प्रकार से है –

  • कमीशंड अधिकारी (Commissioned Officers) – ये सेना के उच्चतम रैंक वाले अधिकारी होते हैं और इन्हें भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) या राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
  • जूनियर कमीशंड अधिकारी (Junior Commissioned Officers) – ये सेना के मध्य-स्तरीय रैंक वाले अधिकारी होते हैं और इन्हें सेना प्रशिक्षण संस्थानों (OTA) से ट्रेनिंग मिलती है.
  • अन्य रैंक (Other Ranks) – ये सेना के सबसे निचले रैंक वाले सैनिक होते हैं और इन्हें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाता है।

इंडियन आर्मी का सबसे ऊँचा पद

भारतीय सेना में, जनरल से भी ऊँचा पद है फील्ड मार्शल। यह पांच सितारा रैंक वाला सबसे ऊँचा पद है, और इसे खास तौर पर युद्ध या असाधारण सेवाओं के लिए दिया जाता है। अब तक केवल दो लोगों को ही फील्ड मार्शल का सम्मान मिला है – सैम मानेकशॉ और के. एम. करियप्पा। ये एक सामान्य पद नहीं है, बल्कि यह सेना के प्रति असाधारण योगदान के लिए दिया जाने वाला विशेष सम्मान है।

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भारतीय सेना में रैंकों के प्रकार

जैसा की हमने आपको बताया कि इंडियन आर्मी की रैंक को तीन हिस्सों में बांटा गया है -कमीशंड अधिकारी, जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCOs), और गैर-कमीशंड अधिकारी (NCOs)। इन तीनों पदों के अंतर्गत अलग -अलग श्रेणी के पद आते है, जैसा की नीचे बताया गया है –

कमीशंड अधिकारी

  1. फील्ड मार्शल
  2. जनरल – शांतिकाल में सबसे ऊँचा पद।
  3. लेफ्टिनेंट जनरल
  4. मेजर जनरल
  5. ब्रिगेडियर
  6. कर्नल
  7. लेफ्टिनेंट कर्नल
  8. मेजर
  9. कैप्टन
  10. लेफ्टिनेंट

जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCOs)

  1. सूबेदार मेजर
  2. सूबेदार
  3. नायब सूबेदार

गैर-कमीशंड अधिकारी (NCOs)

  1. हवलदार
  2. नायक
  3. लांस नायक
  4. सिपाही

इंडियन आर्मी के पद और उनकी विशेषता

सबसे बड़ा पद -फील्ड मार्शल

भारतीय सेना में सबसे बड़ा पद फील्ड मार्शल का होता है. ये सेना का सर्वोच्च पद है, जिन्हे पांच सितारों से जाना जाता है. यह रैंक विशेष और औपचारिक पद के रूप में दी जाती है। इसकी पहचान राष्ट्रीय चिन्ह और तलवार से घिरे हुए कमल के पुष्प से होती है।

जनरल

जनरल जिसे हम सेना प्रमुख या कमांडर-इन-चीफ के नाम से भी जानते हैं, भारतीय सेना में दूसरा सबसे बड़ा रैंक है। यह सेना का सर्वोच्च स्थायी रैंक है और इसे असाधारण नेतृत्व, वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इनकी पहचान वर्दी पर लगे क्रॉस्ड बैटन के साथ पांच बिंदुओं वाले स्टार और अशोक स्तंभ से होती है.

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मेजर जनरल

मेजर जनरल भारतीय सेना की तीसरी सबसे ऊँची रैंक है। इस रैंक को प्राप्त करने के लिए आपको सेना में 32 साल सेवा करनी होगी जिसके बाद ही प्रमोशन मिलता है. इसकी पहचान एक सुनहरे स्टार और तलवार से होती है।

ब्रिगेडियर

ब्रिगेडियर चौथी सबसे ऊँची रैंक है और इसका प्रमोशन भी चयन के माध्यम से होता है। इसके लिए 25 साल की सेवा जरूरी है। इसकी पहचान राष्ट्रीय चिन्ह और कॉलर पर लगे तीन स्टार से होती है।

कर्नल

कर्नल भारतीय सेना में पांचवीं सबसे बड़ी रैंक है। यह एक वरिष्ठ अधिकारी का पद है जो अनुभव, नेतृत्व और वीरता का प्रतीक है। इसके कंधों पर दो सितारे और अशोक स्तंभ के साथ सोने का बटन, और कॉलर पर मैरून रंग का पैच लगा होता है और इन्हें सेना में 54 वर्ष की आयु तक सेवा करनी होती है.

लेफ्टिनेंट कर्नल

लेफ्टिनेंट कर्नल किसी भी कमीशंड अधिकारी के लिए seniority की पहली सीढ़ी है। ये रैंक 13 साल की कमीशन सेवा पूरी करने के बाद मिलती है. इनकी वर्दी पर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय चिन्ह और एक स्टार लगा होता है.

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मेजर

भारतीय सेना में मेजर 7वीं उच्च स्तर की रैंक है, जो किसी भी सेना अधिकारी के लिए एक महत्वपूर्ण पद माना जाता है। यह रैंक 6 साल की सेवा पूरी करने के बाद प्राप्त होती है।

कैप्टन

मेजर के बाद कैप्टन की रैंक आती है, और इस पद को प्राप्त करने के लिए एक अधिकारी को कमीशंड होने के बाद दो साल की सेवा पूरी करनी होती है। कैप्टन के कंधों पर तीन सितारे होते हैं.

लेफ्टिनेंट

लेफ्टिनेंट रैंक प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून या ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) चेन्नई से स्नातक पास होना होता है. इसके कंधों पर दो सुनहरे सितारे होते हैं।

जूनियर कमीशंड अधिकारी (Junior Commissioned Officers)

सूबेदार मेजर

भारतीय सेना में सूबेदार मेजर सबसे ऊंची की रैंक होती है. इसे JCO पदक्रम की अंतिम सीढ़ी भी माना जाता है। सूबेदार मेजर भारतीय सेना में 34 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट होता है.

सूबेदार

भारतीय सेना में सूबेदार एक  महत्वपूर्ण पद है। यह रैंक नायब सूबेदार के ऊपर और सूबेदार मेजर के नीचे आता है. सूबेदार नए सैनिकों को ट्रेनिंग देते है और उन्हें युद्ध के लिए तैयार करते हैं और 30 साल की सेवा के बाद रिटायर्ड होते है.

नायब सूबेदार

भारतीय सेना में नायब सूबेदार जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) रैंक की पहली सीढ़ी है। नायब सूबेदारों को लाल और पीले रंग की पट्टी के साथ सुनहरे रंग के एक स्टार से जाना जाता है.

गैर-कमीशंड अधिकारी (NCOs)

हवलदार

हवलदार नॉन-कमीशंड ऑफिसर (NCO) रैंक का सबसे ऊँचा पद होता है। हवलदार की पहचान उनके कंधे पर लगे लाल और पीले रंग की तीन पट्टियों से होती है, जो की V आकार में होती हैं. हवलदार को रिटायर होने के लिए 24 साल की सेवा करनी होती है.

नायक

नायक पद एक सम्मानित रैंक है। इसके बाएं कंधे पर लाल और पीले रंग की दो पट्टियां लगी होती है, जो V आकार में होती हैं।

लांस नायक

भारतीय सेना में अन्य रैंक (OR) की श्रेणी में लांस नायक एक प्रारंभिक नेतृत्व रैंक है. इसके बाएं कंधे पर लाल और पीले रंग की एक पट्टी जो V आकार में होती है इसके अलावा एक धातु का बैज लगा होता है जिस पर “लांस नायक” लिखा होता है। 22 साल की सेवा के बाद लांस नायक रिटायर होते हैं।

सिपाही

सिपाही को भारतीय सेना की रीढ़ माना जाता है. ये सबसे निचला रैंक है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भी है. सिपाही देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी वर्दी पर कोई रैंक बैज नहीं होता है। केवल उनके रेजिमेंट का प्रतीक होता है।

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